Griha Pravesh Pooja
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गृह प्रवेश पूजा

गृह प्रवेश पूजा
गृह प्रवेश पूजा हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण संस्कार है, जिसे नए घर में प्रवेश करने से पहले किया जाता है। यह पूजा घर को पवित्र करने, नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने और घर में शांति, समृद्धि और सौभाग्य लाने के लिए की जाती है। गृह प्रवेश केवल एक रस्म नहीं है; यह एक धार्मिक अनुष्ठान है जो घर में देवी-देवताओं का आह्वान करता है और परिवार के सदस्यों के लिए शुभता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
गृह प्रवेश पूजा का महत्व
गृह प्रवेश पूजा का मुख्य उद्देश्य घर को सकारात्मक ऊर्जा से भरना और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि सुनिश्चित करना है। यह पूजा नए घर को शुभ बनाने के लिए की जाती है, ताकि उसमें रहने वाले लोग हर प्रकार के संकट से बचे रहें।
- पवित्रता का प्रतीक: यह पूजा नए घर को नकारात्मक ऊर्जाओं और दोषों से मुक्त करती है।
- देवी-देवताओं का आह्वान: गृह प्रवेश पूजा के दौरान विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा की जाती है ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त हो।
- ग्रह दोषों की शांति: वास्तु दोष या अन्य ग्रह दोषों के कारण उत्पन्न अशुभ प्रभावों को दूर करने में यह पूजा सहायक होती है।
- शांति और समृद्धि: यह पूजा घर के हर सदस्य के लिए सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक होती है।
गृह प्रवेश पूजा के प्रकार
गृह प्रवेश के लिए तीन मुख्य प्रकार बताए गए हैं:
- अपूर्ण गृह प्रवेश (अपूर्णवास): जब घर पूरी तरह से तैयार नहीं होता, लेकिन किसी कारणवश उसमें प्रवेश करना जरूरी हो।
- पूर्ण गृह प्रवेश (पूर्णवास): जब घर पूरी तरह तैयार हो और उसमें कोई भी कार्य अधूरा न हो।
- नित्य गृह प्रवेश: जब कोई व्यक्ति किसी पुराने घर में प्रवेश करता है या किसी नए किराए के घर में जाता है।
शुभ मुहूर्त में गृह प्रवेश
गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त चुनना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मुहूर्त पंचांग देखकर किसी योग्य पंडित से पूछकर निर्धारित किया जाता है।
- शुभ तिथि: गृह प्रवेश के लिए अक्षय तृतीया, वसंत पंचमी, दीपावली, मकर संक्रांति आदि शुभ मानी जाती हैं।
- शुभ दिन: सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को शुभ माना जाता है।
- निषेध तिथियाँ: अमावस्या, ग्रहण, और श्राद्ध पक्ष के दिनों में गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए।
गृह प्रवेश पूजा की तैयारी
आवश्यक सामग्री
तांबे का कलश, गंगाजल, नारियल, पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, और शक्कर), हल्दी, कुंकुम, और चंदन, अक्षत (चावल), आम के पत्ते, धूप, दीपक और अगरबत्ती, फूल और माला, देवी-देवताओं की मूर्तियाँ या चित्र, हवन सामग्री
घर की सफाई
गृह प्रवेश से पहले पूरे घर की सफाई करनी चाहिए। घर के हर कोने को साफ करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
दरवाजे की सजावट
घर के मुख्य दरवाजे को आम के पत्तों और फूलों की माला से सजाएं। यह शुभता का प्रतीक है और नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकता है।
गृह प्रवेश पूजा की विधि
मुख्य दरवाजे का पूजन:
गृह प्रवेश पूजा की शुरुआत मुख्य दरवाजे के पूजन से होती है।- दरवाजे पर हल्दी और कुंकुम से स्वस्तिक बनाएं।
- आम के पत्ते और नारियल को मुख्य द्वार पर बांधें।
- दीया जलाएं और धूप-अगरबत्ती से मुख्य दरवाजे की पूजा करें।
कलश स्थापना:
- एक तांबे या पीतल के कलश में गंगाजल भरें।
- उसमें सुपारी, अक्षत, हल्दी और एक सिक्का डालें।
- कलश के ऊपर आम के पत्ते रखें और नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर उस पर रखें।
- इस कलश को पूजा स्थल के बीच में रखें।
गणेश पूजन:
- भगवान गणेश का आवाहन करें, क्योंकि वे हर शुभ कार्य के आरंभ में पूजे जाते हैं।
- उनके समक्ष दीपक जलाएं और मंत्र का जाप करें:
“ॐ गं गणपतये नमः” - गणेश जी को पुष्प, अक्षत, और मिठाई अर्पित करें।
देवी-देवताओं का पूजन:
- घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित करें।
- उनके समक्ष दीपक जलाएं और फूल, चंदन, अक्षत, और प्रसाद अर्पित करें।
नवग्रह पूजन:
- ग्रह दोषों को दूर करने के लिए नवग्रहों की पूजा करें।
- प्रत्येक ग्रह के लिए विशेष मंत्र का जाप करें।
हवन:
- गृह प्रवेश पूजा का सबसे महत्वपूर्ण भाग हवन है।
- हवन सामग्री में गाय का घी, चंदन, कपूर, और हवन लकड़ी का उपयोग करें।
- हवन मंत्रों का उच्चारण करते हुए आहुतियाँ दें।
आरती:
- पूजा के अंत में पूरे परिवार के साथ आरती करें।
- देवी-देवताओं की आरती गाएं और सभी सदस्यों को आरती का प्रसाद दें।
प्रसाद वितरण:
- पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद को परिवार के सदस्यों और अतिथियों में बांटें।
गृह प्रवेश के नियम
- पूजा के दौरान पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे, इसके लिए धूप और अगरबत्ती जलती रहनी चाहिए।
- गृह प्रवेश के दिन घर में किसी भी प्रकार का विवाद या नकारात्मक वार्तालाप न करें।
- घर में सबसे पहले एक जलता हुआ दीया और दूध का बर्तन प्रवेश कराएं।
- गृह प्रवेश के दिन घर में कोई भी अशुभ कार्य जैसे झगड़ा, रोना या शोक प्रकट न करें।
- प्रवेश के दिन रात को घर में रोशनी बनाए रखें।
गृह प्रवेश के लाभ
- पवित्रता और शांति: यह पूजा घर को शुद्ध और पवित्र करती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: पूजा के दौरान किए गए मंत्र जाप और हवन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- वास्तु दोषों का निवारण: यदि घर में कोई वास्तु दोष हो, तो वह शांत हो जाता है।
- परिवारिक सुख-शांति: यह पूजा परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ाने में सहायक होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: गृह प्रवेश पूजा से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
निष्कर्ष
गृह प्रवेश पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह परिवार और घर की शांति और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह पूजा नए घर को शुभता और सकारात्मकता से भरने के लिए की जाती है। यदि यह पूजा सही विधि और श्रद्धा के साथ की जाए, तो यह न केवल वास्तु दोषों को दूर करती है, बल्कि जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि भी लाती है।
“ॐ शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धन संपदा।
शत्रुबुद्धि विनाशाय दीपज्योति नमोऽस्तुते।।”